खूबसूरती

पेशानी पे परेशान सा बल पड़ा हुआ
रुख़्सार पे बेमानी वो तिल जड़ा हुआ
ठुड्डी में धंसा रूठा सेब-ए-ज़कन
लबों के कोने पर मुरझाया ज़ख़्म
ऐब तकते रहते है तेरे मुख़्तलिफ से चेहरे  मे
हमने भला कब तुम्हें खूबसूरत कहा है

#खूबसूरती #kavita #urdushayari #urdupoetry #सुंदरता #shayri #काव्य_कृति #काव्य #बज़्म_ए_शोअरा

Leave a comment